Friday, 6 September 2013

कागजी रिश्ते निभाना गया है , मुश्किलें खुद ही बढ़ाना आगया है ! दर्द पीकर मुस्कराते इन लबो को , वक्त की कीमत चुकाना आ गया है ! ki ,

कागजी रिश्ते निभाना गया है   

, मुश्किलें खुद ही  बढ़ाना आगया है ! दर्द पीकर मुस्कराते इन लबो को ,

वक्त की कीमत चुकाना आ गया है !





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