Thursday, 5 September 2013

टीचर्स डे !!!

टीचर्स डे पर बधाई हिंदी को जो , पूर्ण समर्पित है हिंदी के पुरोधा लेखको की छाया में छोटे लेखक जो कभी आगे की पक्ति  के लेखक नहीं बन पाएंगे बल्कि  उनकी पुस्तको को पढ़ा ही नहीं जायेगा और यह मान लिया जायगा की , वे कचरा लिखते है पुरस्कार  सम्मान सब बहुत दूर की बात है वे तो अपनी पहचान तक को जीवन  भर तरस जाते है हिंदी के उन सभी तिरस्कृत हिंदी सेवियों को सलाम ! जो हिंदी से रोज़ी रोटी तो नहीं कमा पाय  पर कभी हिंदी उनकी ऒर एक  बार निहार ले इस चाहत को , जीवन भर चाहते रहे वे बेचारे अपनी पहचान अपनी जगह , भी नहीं जान  पाय पर हिंदी को अपनी माँ अंतिम साँस तक मानते रहे उन्हें सलाम !

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